प्रख्यात गायिका कविता पौड़वाल की भजन संध्या 2 फरवरी को
– आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि 3 फर. को आएंगे
इंदौर, । मालवांचल के तीर्थ स्थल और पिछले छह दशकों से प्रातः स्मरणीय देवी अहिल्याबाई की नगरी इन्दौर की पहचान बन चुके अन्नपूर्णा आश्रम के नव शृंगारित मंदिर का प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव मंगलवार, 31 जनवरी से मंगलवार, 7 फरवरी तक मनाया जाएगा। प्राण प्रतिष्ठा का मुख्य महोत्सव 3 फरवरी को आश्रम के महामंडलेश्वर स्वामी श्री विश्वेश्वरानंद गिरि महाराज के सानिध्य और जूना पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी श्री अवधेशानंद गिरि महाराज की पावन उपस्थिति में अपरान्ह 4.30 बजे संपन्न होगा ।
मुख्य यजमान श्री विनोद अग्रवाल एवं श्रीमती नीना अग्रवाल मनोनीत किए गए हैं। महोत्सव में पहले दिन 31 जनवरी को सहस्त्रचंडी महायज्ञ का शुभारंभ सुबह 9 बजे प्रायश्चित, पंचांग कर्म, ब्राह्मण वरण, मंडप प्रवेश तथा दोपहर में मंडप देवता स्थापना, जलाधिवास एवं आरती जैसे अनुष्ठान होंगे। इस दौरान देश भर के प्रमुख मठ-मंदिरों, अखाड़ों एवं आश्रमों से जुड़े संत, विद्वान कथाकार, भक्त एवं लाखों की संख्या में श्रद्धालु सम्मिलित होंगें। श्री अन्नपूर्णा आश्रम न्यासी मंडल की ओर से विनोद -नीना अग्रवाल, गोपाल दास मित्तल, दिनेश मित्तल एवं श्याम सिंघल ने बताया कि महोत्सव में गुरुवार 2 फरवरी को रात 8 बजे से प्रख्यात गायिका सुश्री कविता पौडवाल की भजन संध्या होगी।
नूतन मंदिर में लोकार्पण का मुख्य महोत्सव 3 फरवरी, गुरूवार को अपरान्ह 4.30 बजे जूना पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी श्री अवधेशानन्द गिरि एवं अन्नपूर्णा पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर स्वामी श्री विश्वेश्वरानंद गिरि महाराज के कर कमलों से संपन्न होगा। इसके बाद स्वामी अवधेशानन्द गिरि आम भक्तों को प्रेरक आशीर्वचन प्रदान करेंगें। इस शुभ अवसर पर महामंडलेश्वर स्वामी श्री सच्चिदानन्द गिरि अन्नपूर्णा आश्रम, ओंकारेश्वर, स्वामी आत्मप्रकाश यति, श्री श्रीविद्याधाम के महामंडलेश्वर स्वामी चिन्मयानन्द सरस्वती, महामंडलेश्वर स्वामी प्रणवानन्द सरस्वती, मालव माटी के संतप्रवर पं. कमलकिशोर नागर, पंचदशनाम जूना अखाडा के अध्यक्ष श्रीमहंत हरि गिरि महाराज, सभापति जूना अखाडा श्रीमहंत प्रेम गिरि, श्रीमहंत स्वामी उमाशंकर भारती, जम्मू के स्वामी हृदयानंद गिरि, संत श्री अण्णा महाराज इन्दौर तथा अनेक विद्वत संतवृन्द, कथाकार, आचार्य गणमान्य सामाजिक कार्यकर्ता भी सम्मिलित होंगें। वाहनों के पार्किंग की व्यवस्था मंदिर के बाहर पास के रास्ते से होकर मंदिर के पीछे मैदान पर की गई है।
सहस्त्रचंडी महायज्ञ – मंगलवार 31 जनवरी को सुबह 9.30 बजे यज्ञ कर्म में प्रायश्चित एवं पंचांग कर्म के साथ यज्ञ मण्डप में प्रवेश होगा तथा दोपहर के सत्र में 3 बजे से मंडल देवता स्थापना के बाद प्रतिमाओं के जलाधिवास की विधि संपन्न होगी। आचार्य पं. कल्याणदत्त शास्त्री के निर्देशन में 7 फरवरी तक चलने वाले सहस्त्रचंडी महायज्ञ में प्रतिमाओं के अन्नाधिवास (1 फरवरी), शैयाधिवास (2 फरवरी) एवं 3 फरवरी को शिखर कलश प्रतिष्ठा, ध्वजारोहण के बाद अभिजीत मुहूर्त में माँ की प्राण प्रतिष्ठा संपन्न होगी। 4 से 7 फरवरी तक प्रतिदिन सप्तशति द्वारा हवन आदि शास्त्रोक्त अनुष्ठान होंगे। 7 फरवरी को सुबह पूर्णाहुति एवं महाआरती के साथ महोत्सव का समापन होगा।