इंदौर, । अमेरिका में रहने वाली, इंदौर मूल की वैज्ञानिक बेटी महिमा गुप्ता ने अपने विवाह के समय माता-पिता डॉ. सुनील – डॉ. दिव्या गुप्ता के समक्ष इच्छा जताई थी कि मेरे विवाह के साथ 21 अन्य उन बेटियों के भी हाथ पीले किए जाएं, जिनके माता-पिता किसी भव्य समारोह का आयोजन करने में असमर्थ हैं। तब गुप्ता दम्पति ने अपनी बेटी की इस इच्छा को खुशी-खुशी पूरा किया, बल्कि महिमा के साथ ही उसी दिन 21 निर्धन बेटियों का सामूहिक विवाह समारोह भी आयोजित किया और यह संकल्प भी किया कि अब हर वर्ष वे इस विवाह के प्रेरक प्रसंगों को संजोए रखने के लिए इसी तरह कम से कम 21 अन्य बेटियों हाथ पीले कराएंगे। पिछले दो वर्षों के कोरोना काल को छोड़कर गुप्ता दम्पति और उनके कुछ मित्रों एवं शहर के समाजसेवी बंधुओं ने आगे आकर वर्ष 2018, 2019 एवं 2022 में क्रमश 21, 22 एवं 22 बेटियों के सामूहिक विवाह संपन्न कराए हैं। अब इस वर्ष फिर इसी माह 26 जनवरी को 24 बेटियों के सामूहिक विवाह की तैयारियां शुरू हो गई हैं। यह आयोजन एमआर 10 रोड स्थित दिव्य शक्तिपीठ पर होगा। इन्हें मिलाकर बेटियों के विवाह की संख्या 110 हो जाएगी।
वैश्य महा सम्मेलन की जिला इकाई के संरक्षक दिनेश मित्तल, नीति-पुनीत अग्रवाल, पवन सिंघानिया एवं विष्णु बिंदल ने बताया कि गुरुवार 26 जनवरी को विभिन्न समाजों की 24 बेटियों का सामूहिक विवाह दिव्य शक्ति पीठ परिसर पर गोधुलि बेला में वैदिक पद्धति से संपन्न होगा।
सभी युगलों को देंगे अनेकों उपहार – इन सभी बेटियों को विवाह के बाद विदाई की बेला में पलंग, अलमारी, फ्रीज, पायजेब, बिछुड़ी, सुहाग सामग्री, चुनरी बेस, सूट का कपड़ा, रजाई, गादी, तकिए, कम्बल, घड़ी, कूकर, पंखा एवं अन्य गृहस्थी योग्य सामग्री सहित उपहार भेंट किए जाएंगे। 26 जनवरी को सुबह 9 बजे से सभी नवयुवगलों एवं उनके रिश्तेदारों के आगमन के बाद 9.30 बजे गणेश पूजन, 10 बजे साकड़ी राखी, 12 बजे सगाई एवं चाक-भात, अपरान्ह 4 बजे चल समारोह और सायं 6.30 बजे गोधुलि बेला में शुभ विवाह संपन्न होंगे।
अधिकांश बेटियां पिछड़े वर्ग की – संस्था सेवा संकल्प के संयोजक राजेश कुंजीलाल गोयल के अनुसार इस बार जिन समाजों के जोड़ें इस समारोह में शामिल होंगे, उनमें अधिकांश समाज के पिछड़े वर्ग के हैं। विवाह की रस्में विद्वान आचार्यों के निर्देशन में होंगी। ये सभी जोड़े धार, देवास, महू, पीथमपुर, अंजड़, शुजालपुर, सोनकच्छ, राजगढ़, हाटपीपल्या, घाटाबिल्लौद, देपालपुर, उज्जैन, बेटमा एवं आसपास के जिलों के हैं। इनमें अधिकांश वर-वधू शिक्षित एवं नौकरी पेशा वर्ग के हैं।
बरात शक्तिपीठ परिसर में ही – आयोजन से जुड़े रामदास गोयल मेंमदीवाले ने बताया कि दिव्य शक्ति पीठ परिसर स्थित विवाह स्थल पर 24 लग्नवेदी, 24 मंडप, 24 छत्र चंवर, 24 तोरण और 24 पंडितों की व्यवस्था की जा रही है, जो शुभ विवाह संपन्न कराएंगे। नवयुगलों को इस मौके पर सात फेरों के साथ आठवां फेरा सामाजिक सरोकार के संकल्प के लिए भी दिलाया जाएगा। दूल्हे-दुल्हनों की शोभायात्रा शक्तिपीठ के परिसर में ही निकाली जाएगी। अक्सर बारात में नाचने-गाने से लेकर आतिशबाजी और सड़कों पर बिखरने वाले फूलों तथा स्वल्पाहार के कचरे की समस्या के साथ ही यातायात जाम की परेशानी को देखते हुए बारात को परिसर और सर्विस रोड पर ही निकालने का निर्णय लिया गया है।
अब तक 86 बेटियों के विवाह करा चुके – इस अनूठे आयोजन की सूत्रधार डॉ. दिव्या गुप्ता के अनुसार यह आयोजन उन गरीब और वंचित परिवारों की बेटियों के लिए हो रहा है, जिनके पालक कमजोर आर्थिक स्थिति वाले हैं। अब 26 जनवरी को 24 बेटियों के विवाह के साथ 110 बेटियों के विवाह संपन्न हो जाएंगे। इस बार भी कई मित्र चाहते हैं कि जब विदेश में कार्यरत बेटी महिमा अपनी शादी के साथ निर्धन बेटियों के विवाह कराने जैसा आदर्श सोच रख सकती है और गुप्ता दम्पति भी अपनी बेटी की इच्छा पूरी कर इतनी बेटियों के विवाह का संकल्प पूरा कर चुके हैं तो समाज के अन्य सक्षम लोग भी ऐसे अनूठे कामों में आगे आकर समाज का सोच तो बदल ही सकते हैं।