इंदौर। उपभोक्ताओं को सप्लाय अच्छी मिले, त्रुटिरहित बिलिंग के लिए सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) का अधिकतम उपयोग करना चाहिए। इससे कंपनी के कार्यों मे आसानी होगी, साथ ही बिजली उपभोक्ता की संतुष्टि और सकारात्मकता में भी बढ़ोत्तरी होगी।
मध्यप्रदेश ऊर्जा विभाग के प्रमुख सचिव श्री संजय दुबे ने मंगलवार शाम यह बात कही। वे पोलोग्राउंड स्थित मप्रपक्षेविविकं के मुख्यालय में बिजली अधिकारियों की मिटिंग में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि शासन की योजनाओं का क्रियान्वयन और उपभोक्ता सेवाओं पर फोकस रखा जाना चाहिए, मैंटेनेंस के कार्यों का भी पोर्टल पर उसी समय लेखा-जोखा फोटो सहित दर्ज हो, ताकि केंद्रीयकृत जानकारी रखी जा सके। श्री दुबे ने कहा कि जोन व वितरण केंद्रों पर कम्प्यूटर, प्रिंटर व अन्य कार्यालयीन उपयोग की सामग्री की समीक्षा करे और कमी हो तो वितरण गंभीरतापूर्वक समय रहते किया जाए। उन्होंने ऑन लाइन, कैशलेस बिजली भुगतान को और बढ़ाने के भी निर्देश दिए। प्रमुख सचिव ने ऊर्जस पोर्टल, ऊर्जस एप से संबंधित कार्य, सेवाओं को और प्रभावी बनाने, साथ ही साथ बड़े गांवों में शहरों की तरह शत-प्रतिशत मीटरकरण योजनाबद्ध तरीके से करने के निर्देश दिए। श्री दुबे ने कहा कि कम्प्यूटर और आईटी का जमाना है, मैन्यूअल कार्य कम होना चाहिए, विशेषकर बिलिंग में पीएमआर गुणवत्ता के साथ हो, उन्होंने त्रुटिरहित और आंकलित खपत वाले बिलों पर विशेष रूप से ध्यान देने को कहा। मप्रपक्षेविविकं के प्रबंध निदेशक श्री अमित तोमर ने प्रवासी भारतीय सम्मेलन, ग्लोबल इंवेस्टर समिट के लिए की गई विशेष व्यवस्थाओं के साथ ही आपूर्ति गुणवत्ता के साथ होने, मैंटेनेंस, राजमार्ग से लगे गांवों में पहले चरण में मीटरीकरण, आईटी क्षेत्र में हो रहे कार्यों की विस्तार से जानकारी प्रस्तुत की। इस अवसर पर कार्यपालक निदेशक श्री मनोज झंवर, श्री संजय मोहासे, श्री गजरा मेहता, मुख्य अभियंता श्री एसएल करवाड़िया, श्री एसआर बमनके आदि मौजूद थे।