देश के पहले लाइटिंग टेक्नोलॉजी आधारित इवेंट डेस्टिनेशन ‘गार्डन बाय द पार्क’ का शुभारंभ

• द पार्क इंदौर लाया है अपनी अनोखी पेशकश ‘गार्डन बाय द पार्क’
• 10 लाख बल्ब की मदद से की जा सकेगी मनपसंद लाइटिंग और लाइट सिंक्रोनाइजेशन, जिससे बढ़ेगी किसी भी कार्यक्रम की भव्यता

*इंदौर,: द पार्क इंदौर, देश में पहली बार एक ऐसा इवेंट डेस्टिनेशन ला रहा है जिसमें लाइटिंग वाले पेड़ हैं जो मेहमानों की पसंद के आधार पर लाइट बदलते हैं।

25 हजार स्क्वायर फीट में फैले इस गार्डन में पेड़ नुमा लोहे के ऐसे विशाल स्ट्रक्चर बनाए गए हैं जिनमें पौधों को लगाया गया है और साथ ही अलग-अलग रंग के लाइट इसमें से कनेक्ट किए गए हैं। परिसर के बीच में मौजूद एक पूल के अंदर भी खास लाइटिंग की व्यवस्था की गई है, जो कि कार्यक्रम के अनुरूप बदली जा सकती है।

9 महीनों तक चले इस प्रोजेक्ट के पीछे लुधियाना की लाइटिंग टेक्नोलॉजी कंपनी लुसेंट के कुणाल गुप्ता और इंदौर के आर्किटेक्ट कपिल जैन की मेहनत साफ देखी जा सकती है। ‘गार्डन बाय द पार्क’ देश का पहला ऐसा गार्डन बनने जा रहा है, जहां पर क्लाइंट की पसंद से कार्यक्रम के दौरान लाइट शो आयोजित किए जा सकेंगे। कार्यक्रम के मूड को देखते हुए सभी पेड़ों पर और पूल के अंदर की लाइटिंग को सिंक्रोनाइज लाइटनिंग सीक्वेंस के माध्यम से बदला जा सकता है जिससे कि पूरे गार्डन में एक अद्भुत एंबिएंस दिया जा सके।

अष्टविनायक लीजर प्राइवेट लिमिटेड की मालिक कंपनी, द पार्क इंदौर के एमडी श्री आनंद गोयल ने कहा, “हम इंदौर में एक नए कंसेप्ट की शुरुआत कर रहे हैं और हमें पूरा विश्वास है कि न केवल इंदौर बल्कि मध्य प्रदेश और पूरे देश के लोग इस कंसेप्ट की सराहना करेंगे।”

*द पार्क इंदौर के जनरल मैनेजर श्री देबजीत बैनर्जी ने बताया कि*, “250 लोगों की क्षमता वाला यह गार्डन देश का पहला ऐसा गार्डन है जहां नैसर्गिकता और धातु शिल्प की शानदार जुगलबंदी देखी जा सकती है। इस गार्डन में अलग-अलग प्रकार के कई कार्यक्रम जैसे कि कॉकटेल डिनर, फैशन शो, कॉरपोरेट इवेंट, वाइन डिनर, प्रोडक्ट लॉन्च, कार लांच आदि बखूबी किए जा सकते हैं। पूरे गार्डन में 10 लाख से अधिक बल्ब लगे हुए हैं जिनके माध्यम से जो रोशनी का समागम यहां पर होगा वह अपने आप में अद्भुत होगा। यह गार्डन इंदौर के लोगों को एक बेहद अनोखा अनुभव देगा।”

‘गार्डन बाय द पार्क’ के लिए बुकिंग 14 अक्टूबर के बाद से की जा सकेगी।

रिपोर्ट बाय– विनोद गोयल