आत्महत्या आज समाज में सबसे बड़ी समस्या

मालवांचल यूनिवर्सिटी में विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस पर सेमिनार
इंदौर। मालवांचल यूनिवर्सिटी द्वारा विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस पर सेमिनार का आयोजन किया गया। इंडेक्स कॅालेज के मनोरोग विभाग द्वारा आयोजित सेमिनार में इंडेक्स समूह संस्थान के विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि आईएमएस के पूर्व निदेशक डॅा. पी.एन.मिश्रा, डीएवीवी के स्कूल आफ फिजिक्स के विभागाध्यक्ष डॅा.आशुतोष मिश्रा,डॅा.उज्जवल सरदेसाई उपस्थित थे। इस कार्यशाला की इंडेक्स समूह के चेयरमैन सुरेशसिंह भदौरिया के मार्गदर्शन में यह सेमिनार आयोजित किया गया। मानव मन और आत्महत्या के साथ आधुनिक मनोविज्ञान और भारतीय ज्ञान परंपरा दृष्टि के बारे में डॅा.पीएन मिश्रा ने जानकारी दी। उन्होंने कहा कि भारतीय दर्शन में जीवन मूल्यों का वर्णन मिलता है। यदि हम सही मायनों में भारतीय संस्कृति को समझेंगे तो शायद हमारी कई सारी समस्याएं खत्म हो सकती है। मनोरोग विभागाध्यक्ष डॅा.रामगुलाम राजदान ने कहा कि भारत में 1 लाख लोग प्रतिवर्ष आत्महत्या करते है। देशभर में 24 छात्र प्रतिदिन आत्महत्या करते है। यह समस्या रोकी जा सकती है। इसके लिए युवाओं और समाज में परिवर्तन लाना होगा। इस समस्या से ग्रस्त व्यक्ति से बातचीत करना चाहिए। डॅा.आशुतोष मिश्रा ने कहा कि आत्महत्या जैसा विषय आज समाज में सबसे बड़ी समस्या बनकर उभर रहा है। इसके विचार क्षणिक होते है उस क्षण में शांत रहकर इस समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है। डॅा.उज्जवल देसाई ने कहा कि आत्महत्या के रोकथाम के लिए सबसे पहले हमें अपनी जीवनशैली में कई बदलाव करने होंगे। एकांत में रहने से ज्यादा हमें लोगों के बीच रहकर अपने समस्या को बताना होगा। इंडेक्स मेडिकल कॅालेज के डीन डॅा.जीएस पटेल ने युवाओं में बढ़ती आत्महत्या की प्रवृत्ति के साथ तनाव के बारे में जानकारी दी। इस अवसर पर मालवांचल यूनिवर्सिटी के प्रो.चासंलर डॅा.संजीव नारंग,डॅा.अभय मनचंदा,डॅा.राजीव श्रीवास्तव आदि उपस्थित थे। संचालन डॅा.सुवर्ण सागर वाजपेई ने किया।