अहिल्या की तरह श्रेष्ठ सेवाकार्यों को समाज कभी भुलाता नहीं
इंदौर, । जिस तरह से शक्ति और भक्ति की देवी मां अहिल्याबाई होल्कर ने शिव पिंड हाथ में लेकर जरुरतमंदों की सेवा की है, अब उसी नगरी में डॉ. आयुषी उदयसिंह देशमुख भी समाज में अनुकरणीय भूमिका निभाने के लिए संकल्पबद्ध है। अहिल्यादेवी की बातें युगों-युगों तक भुलाई नहीं जा सकती। उनकी कर्मठता एवं कुशल कार्यक्षमता, नारी के प्रति सम्मान की प्रेरणा याद रखने योग्य है। श्रेष्ठ सेवाकार्यों समाज कभी भूलता नहीं। डॉ. आयुषी देशमुख को दिया जा रहा यह सम्मान इसी का प्रमाण है।
महाराष्ट्र के महामहिम राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी ने मराठी फिल्मों के निर्माण से जुड़े सागा फिल्म फाउंडेशन द्वारा मुंबई के राजभवन में पुण्यश्लोका अहिल्याबाई होल्कर राष्ट्रीय पुरस्कार 2021 के वितरण समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में उक्त प्रेरक बातें कहीं। राज्यपाल ने डॉ. आयुषी उदयसिंह देशमुख को पुरस्कार देते हुए कहा कि डॉ. आयुषी देशमुख भी समाजसेवी के क्षेत्र में गरिमा के साथ अपनी भूमिका का निर्वाह कर रही हैं। सम्मान से अभिभूत, सूर्योदय परिवार इंदौर की संचालक डॉ. आयुषी देशमुख ने कहा कि मुझे गर्व है कि मैं देवी अहिल्याबाई की कर्मभूमि से यहां आई हूं और उन्हीं के नाम से स्थापित यह पुरस्कार मुझे मिल रहा है। माता अहिल्या ने इंदौर में रहते हुए भी केदारनाथ और देश के अन्य मंदिरों का जीर्णोद्धार कराया तथा धर्म की रक्षा हेतु अनेक मंदिरों के निर्माण भी कराए। मुझे गर्व है कि मैं उस इंदौर से हूं जो अहिल्याबाई की कर्मभूमि रहा है। इस पुरस्कार को पाकर मेरी जिम्मेदारियां और बढ़ गई है। कार्यक्रम का संचालन सागा फिल्म फाउंडेशन के अध्यक्ष सागर धापटे ने किया।