बाणेश्वरी कावड़ इस बार बदले हुए स्वरूप में, रविवार को महेश्वर से होगी शुरूआत
इंदौर, । राज्य की सबसे बड़ी और प्रसिद्ध बाणेश्वरी कावड़ यात्रा इस बार बदले हुए स्वरूप में निकाली जाएगी। दो कावड़ में देश की पांच प्रमुख नदियों सिंधु, गंगा, गोदावरी, ब्रम्हपुत्र और नर्मदा का जल लेकर रविवार 1 अगस्त को सुबह 7 बजे महेश्वर स्थित घाट पर मां नर्मदा का पूजन कर यह यात्रा उज्जैन के लिए प्रारंभ होगी। इसे इस बार डाक कावड़ यात्रा का स्वरूप दिया गया है। इसमें गत वर्ष की तरह कोरोना गाइड लाइन का पालन करते हुए 21 कावड़ यात्री मात्र 24 घंटे में पूर्ण कर लेंगे।
बाणेश्वरी कावड़ यात्रा के संयोजक गोलू शुक्ला व प्रभारी दीपेंद्र सिंह सोलंकी ने बताया कि इस वर्ष भी कावड़ यात्रा तो निकलेगी लेकिन उसका स्वरूप बदला हुआ रहेगा। बाणेश्वरी कावड़ यात्रा का यह 19वां वर्ष होगा। करोना की गाइडलाइन के मद्देनजर पिछले वर्ष की तरह इस वर्ष भी कावड़ यात्रा सांकेतिक रूप से निकाली जाएगी ताकि कावड़ यात्रा का क्रम खंडित न हो। राज्य की सबसे बड़ी और प्रसिद्ध बाणेश्वरी कावड़ यात्रा में मालवा निमाड़ के 5000 से अधिक कावड़ यात्री शामिल होकर सात दिवस में यात्रा पूर्ण करते हैं लेकिन इस बार एक अगस्त रविवार को सुबह 7 बजे महेश्वर के घाट से मात्र 21 कावड़ यात्री दो कावड़ में पांच प्रमुख नदियों का जल लेकर छह किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से बारी-बारी कावड़ लेकर पैदल चलेंगे और इस तरह अगले दिन 2 अगस्त, श्रावण के द्वितीय सोमवार को महांकालेश्वर मंदिर पहुंचकर भोलेनाथ का जलाभिषेक करेंगे और देश को कोरोना से मुक्ति दिलाकर समृद्धि की ओर अग्रसर करने की प्रार्थना करेंगे।