भाजपा प्रवेश बाद पहला प्रवासघ
डॉ घनश्याम बटवाल
मंदसौर । मध्यप्रदेश में भाजपा सरकार बनाने के सवा साल बाद पहली बार राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया का आगमन मालवा अंचल के सात जिलों में हो रहा है । रविवार से मंगलवार तक वे नीमच – मंदसौर – जावरा – रतलाम – पिपलोदा – बदनावर – धार – उज्जैन – देवास और इंदौर में रहेंगे ।
सिंधिया के अपने समर्थक हैं , उनका विशिष्ट आभामंडल इस क्षेत्र में रहा है । अपने समर्थकों के साथ पाला बदल भाजपा को प्रदेश में सत्तारूढ़ कर चुके सिंधिया अपनी शक्ति प्रदर्शित कर चुके हैं । अभी भी सत्ता और संगठन में दखल और दबाव बनाये हुए हैं ।
सिंधिया अधिकृत प्रोग्राम के मुताबिक 4 जुलाई को दिल्ली से उड़कर उदयपुर उतर कर सड़क मार्ग से नीमच आयेंगे ।
नीमच के कार्यक्रम उपरांत रात्रि मंदसौर पहुंच कर सांसद सुधीर गुप्ता के निवास पर रात्रि भोज लेंगे ।
रात्रि विश्राम सर्किट हाउस मंदसौर में होगा ।
सोमवार सुबह अष्टमुखी पशुपतिनाथ महादेव दर्शन कर भाजपा संगठन द्वारा तय कार्यक्रम में शिरकत करेंगे ।
सूचना के अनुसार कोविड संक्रमण से परिजनों की मृत्यु पर शोक व्यक्त करेंगे और जिला भाजपा कार्यालय में कार्यकर्ताओं से रूबरू होकर मृतकों के प्रति सामुहिक श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे ।
दोपहर जावरा – रतलाम – पिपलोदा प्रस्थान करेंगे ।
नीमच से जावरा के बीच प्रांतीय राजमार्ग क्रमांक 31 पर स्थान – स्थान पर सिंधिया से मिलने लोगों और भाजपा पार्टी जनों ने तैयारी की है । सड़क मार्ग पर ही सिंधिया लोगों से संवाद करेंगे ।
सिंधिया का प्रभाव भाजपा की प्रांतीय संगठन सूची से जाहिर होता है । वे स्वयं स्थायी आमंत्रित 23 महत्वपूर्ण लोगों में शामिल हैं ।
प्रदेश कार्यसमिति में 162 लोगों की सूची में प्रदेश के भाजपा विधायकों सहित सिंधिया समर्थक कांग्रेस पूर्व महासचिव मुकेश काला , कांग्रेस के पूर्व विधायक विजेन्द्र सिंह मालाहेड़ा को शामिल कराया वहीं प्रदेश के 218 विशेष आमंत्रित सदस्यों की सूची में मंदसौर कि से एकमात्र सदस्य जिला कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राजेंद्र सिंह गौतम का नाम आया ।
भाजपा संगठन में वर्षों के तपोनिष्ठ कार्यकर्ताओं को दरकिनार करते हुए सिंधिया के साथ हाल ही में भाजपा से जुड़े कार्यकर्ता को महत्व मिला । तीव्र प्रतिक्रिया भी हुई दबे – घुटे स्वर भी नाराजगी के उठे पर कोई आकार नहीं मिल सका क्योंकि प्रदेश में सरकार जो बनी है ?
भाजपा नेता – कार्यकर्ता भी सिंधिया के प्रभाव को भुनाने में जुटे हैं । मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने गत दिवस प्रभारी मंत्री सिंधिया समर्थक , बदनावर विधायक , ओद्योगिक निति एवं निवेश मंत्री राज्यवर्धन सिंह दत्तिगांव को मंदसौर जिले का प्रभार दिया गया है इसके कारण भी पुनः दबदबा रेखांकित हुआ है । अटकलें तो ये भी लगाई जार ही हैं कि आगामी लोकसभा चुनावों में सिंधिया मंदसौर से चुनाव लड़ सकते हैं ? कोई दावा तो नहीं है क्योंकि राज्यसभा सांसद कार्यकाल अभी चार वर्ष बाकी हैं । परन्तु भाजपा में दखल बढ़ा है यह तय है , अभी केंद्र में मंत्री बनना शेष है और अपने समर्थकों को निगम – मण्डल आदि बड़े पदों पर नियुक्ति दिलाना है जोर – पुरजोर बना हुआ है ।
माना जारहा है कि प्रभारी मंत्री
दत्तिगांव को बनाने से सिंधिया समर्थकों का हस्तक्षेप बढ़ सकता है , भाजपा संगठन और सत्ता किस तरह पचा पाती है ? देखना दिलचस्प रहेगा । क्योंकि कि राज्यवर्धन सिंह भी सरकार गठन के बाद अब तक जिले में नहीं आये हैं ।
पहली बार वे भी रविवार को संसदीय क्षेत्र में रहेंगे । वित्तमंत्री जगदीश देवड़ा , ऊर्जा मंत्री हरदीपसिंह डंग , केबिनेट मंत्री ओमप्रकाश सखलेचा , सांसद सुधीर गुप्ता , विधायक यशपालसिंह सिसौदिया , अनिरुद्ध माधव मारू , देवीलाल धाकड़ , दिलीपसिंह परिहार , राजेंद्र पांडेय भी सिंधिया प्रवास पर साथ रहेंगे ।
एक अटकल निर्मूल बनती है कि सिंधिया लोकसभा लड़ सकते हैं ?
अपने पहले प्रवास में ही रविवार का रात्रि भोज वर्तमान सांसद सुधीर गुप्ता के निवास पर साथ करेंगे ।
मंदसौर – नीमच – जावरा संसदीय क्षेत्र से विशेष लगाव सिंधिया का रहा है । भाजपा प्रदेश कार्यसमिति सदस्य मुकेश काला ने बताया कि राजनीतिक नहीं सिंधिया का अंचल से पारिवारिक रिश्ता रहा है ।
सुख और दुःख की घड़ी में वे हमेशा साथ रहे हैं । 1946 कि भीषण बाढ़ त्रासदी में जीवाजीराव सिंधिया मदद को उपस्थित थे , पशुपतिनाथ महादेव मंदिर में आदि शंकराचार्य प्रतिमा स्थापना राजमाता विजयाराजे सिंधिया की मौजूदगी में हुई । रेलवे सुधार और दूरदर्शन केंद्र माधवराव सिंधिया ने किया । सोलर एनर्जी प्रोजेक्ट ज्योतिरादित्य सिंधिया के हाथों हुआ ।
दल चाहे जनसंघ हो , संविद शासन हो , कांग्रेस सरकार हो या जनता पार्टी , भाजपा हो सिंधिया परिवार की प्रभावी भूमिका सदैव रही है ।
जनसंघ के जमाने में विधायक किशोरसिंह सिसौदिया , ठाकुर मोहन सिंह का राजमाता से सीधा जुड़ाव रहा
बाद में विधायक – सांसद – मंत्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा ने विरासत को अंचल से जोड़े रखा । उनके निधन के बाद यह दायित्व राज्यवर्धन सिंह को सौंपा गया प्रतीत होता है ? क्योंकि उनके पिता पूर्व विधायक बदनावर प्रेमसिंह दत्तिगांव का सिंधिया से गहरा जुड़ाव था ।
भाजपा जिला अध्यक्ष नानालाल अटोलिया ने मंदसौर में सिंधिया के कार्यक्रम को जारी नहीं किया है । पर बताया गया है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया संगठन के कार्यक्रम निर्देश अनुसार ही शामिल होंगे ।
परिवर्तन के बाद पहली यात्रा मालवा अंचल के सातों जिलों में क्या राजनीतिक और रणनीतिक प्रभाव भाजपा और कांग्रेस पर छोड़ती है , इस पर नजरें बनी रहेंगी ।