धरती आबा अभियान एवं भगवान श्री बिरसा मुंडा जयंती पर पत्रकार वार्ता में बोले कैबिनेट मंत्री चेतन्य काश्यप

  • जल, जंगल और जमीन के लिए सबसे पहले भगवान बिरसा मुण्डा ने आंदोलन किया
  • अटलजी के शासन काल मे सांसद स्व. दिलीप सिंह भूरिया की अध्यक्षता में जनजातीय आयोग बना
  • श्री भूरिया के सुझावों पर पैसा एक्ट आया और आदिवासी समुदायों को स्वशासन का अधिकार मिला

रतलाम 14 नवंबर। धरती आबा अभियान एवं भगवान श्री बिरसा मुंडा की 150वी जन्म जयंती के अवसर पर होने वाले आयोजन के संबंध में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री श्री चैतन्य काश्यप ने कहा कि जल, जंगल और जमीन के लिए सबसे पहले भगवान बिरसा मुण्डा ने आंदोलन किया था | अटल जी के शासन काल मे सांसद स्व. दिलीप सिंह भूरिया की अध्यक्षता में जनजातीय आयोग बनाया गया था ,श्री भूरिया के सुझावों पर पैसा एक्ट आया और आदिवासी समुदायों को स्वशासन का अधिकार मिला है |
कैबिनेट मंत्री चेतन्य काश्यप ने विधायक जनसंपर्क कार्यालय पर आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में धरती आबा अभियान एवं भगवान श्री बिरसा मुंडा जयंती की जानकारी देते हुए बताया कि 15 नवंबर को भगवान श्री बिरसा मुंडा की 150वी जन्मजयंती जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनेगी | इस अवसर पर प्रदेश के सभी जिलों में प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री के नेतृत्व में कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे है। उन्होने कहा कि जल, जंगल और जमीन के लिए सबसे पहले भगवान बिरसा मुण्डा के द्वारा आंदोलन किया गया था, इन तीनो पर आदिवासियों का अधिकार है। भगवान बिरसा मुण्डा ने जनजातीय क्षेत्रों में अंधविश्वास को समाप्त करने, समाज सुधार और शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय काम किया। कैबिनेट मंत्री श्री काश्यप ने बताया कि पूर्व प्रधानमंत्री स्व. श्री अटल बिहारी वाजपेयी के शासन काल में आदिवासी सांसद स्व. श्री दिलीप सिंह भूरिया की अध्यक्षता में जनजातीय आयोग बनाया गया था। श्री भूरिया द्वारा दिये गये सुझावों के आधार पर सरकार द्वारा आदिवासियों के लिए पैसा एक्ट लाया गया जिससे अनुसूचित क्षेत्रों में आदिवासी समुदायों को स्वशासन का अधिकार मिला। पीएम जनमन योजना के द्वारा विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों के सामाजिक एवं आर्थिक विकास के लिए शिक्षा, स्वास्थ और आजीविका में सुधार किया जा रहा है। जल, जंगल और जमीन पर अधिकार के लिए वनाधिकार अधिनियम लागू किया गया है।
जनजातीय वर्ग के विद्यार्थियों को बाधा रहित शिक्षा प्रदाय करने के उद्देश्य से रतलाम जिले में 64 छात्रावास एवं आश्रम शालाएं संचालित है, जिनमें कुल 3463 विद्यार्थियों को आवासीय सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। कुल 04 विशिष्ट आवासीय संस्थाएं संचालित हैं, जिनमें 02 माता शबरी कन्या शिक्षा परिसर, 02 एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय संचालित हैं, जिनमें कुल 1820 विद्यार्थियों को अध्ययन सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। जिले में 39 हायर सेकेण्डरी एवं हाई स्कूल संचालित किए जा रहे हैं, जिनमें से 02 विद्यालयों को सांदीपनि विद्यालय में उन्नयन कर विद्यार्थियों हेतु मानक शिक्षा सुनिश्चित की गई है। जिला स्तर एवं शासन के प्रयासों से विगत वर्ष (2024-25) में जिले के जनजातीय वर्ग के चार विद्यार्थियों को कोचिंग एवं अध्ययन की सुविधा उपलब्ध कराई जाकर जेईईएवं नीटजैसी प्रतिष्ठित प्रतियोगी परीक्षा में सफलता दिलाई गई। कक्षा 1 से लेकर महाविद्यालय स्तर तक के कुल 64558 विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति प्रदान की जा रही है। महाविद्यालयों में अध्ययनरत विद्यार्थी जिन्हें छात्रावास सुविधा का लाभ नहीं मिल पाया है, ऐसे 6305 विद्यार्थियों को आवास सहायता योजना अंतर्गत लाभान्वित किया जा रहा है। बस्ती विकास योजना के अंतर्गत विगत वर्ष जिले में जनजातीय वर्ग के मजरे टोलों में कुल राशि 384.00 लाख से 41 अधोसंरचना मूलक कार्य किए गए। कन्या शिक्षा को प्रोत्साहन किये जाने हेतु 416 बालिकाओं को लाभान्वित किया गया है। वन अधिकार अधिनियम के अंतर्गत कुल 5085 जनजातीय वर्ग के आवेदकों को वन अधिकार प्रदाय किये गये है। जेईई , नीट , क्लेट जैसी प्रतिष्ठित प्रतियोगी परीक्षाओं को उत्तीर्ण कर राष्ट्रीय संस्थाओं में प्रवेश प्राप्त करने वाले जनजातीय वर्ग के कुल 05 विद्यार्थियो को प्रतिभा योजना के अंतर्गत पुरस्कृत किया गया।
कांफ्रेंस के अंत में मंत्री श्री काश्यप ने कहा कि 15 नवंबर का कार्यक्रम आदिवासियों को समाज में उचित स्थान दिलाने के साथ ही नई पीढी को जन नायको की जानकारी देने के लिए है। प्रेस कांफ्रेंस में स्वागत एवं आभार जिला अध्यक्ष श्री प्रदीप उपाध्याय ने व्यक्त किया। प्रेस कांफ्रेंस में सहायक आयुक्त जनजातीय कार्य विभाग श्रीमती रंजना सिंह, उप संचालक जनसंपर्क श्रीमती अनुराधा गहरवाल सहित मीडिया प्रतिनिधि उपस्थित थे।