रतलाम। कार्तिक अमावस्या के पावन अवसर पर दिगंबर जैन समाज द्वारा भगवान महावीर स्वामी का 2552 वां निर्वाण दिवस श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया गया। यह कार्यक्रम श्री चंद्रप्रभ दिगंबर जैन मंदिर, स्टेशन रोड पर मुनि श्री 108 सद्भाव सागर जी महाराज ससंघ के पावन सान्निध्य में संपन्न हुआ। प्रातःकाल मंदिर में जिनेंद्र भगवान का नित्य अभिषेक, शांतिधारा, पूजन और विधान के बाद मुनि श्री के सानिध्य में निर्वाण लाडू चढ़ाया गया। इसके पश्चात् मंदिर के शिखर पर वार्षिक जैन धर्म ध्वज फहराया गया। इस धार्मिक कार्य का सौभाग्य श्री कमल-कुसुम-अंश पापरीवाल परिवार एवं श्रीमती शशि, आनंद, संजीता, अर्जव पाटनी परिवार को प्राप्त हुआ।
शांति धारा करने का परम सौभाग्य श्री कमल-कुसुम पापरीवाल परिवार तथा दूसरी शांति धारा करने का सौभाग्य डॉ. राजेश-प्रतिभा पाटनी परिवार को प्राप्त हुआ। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में श्रावक-श्राविकाएं उपस्थित रहे। मंदिर में पूजन के साथ-साथ बीच-बीच में मुनिश्री सद्भाव सागर जी मसा. के प्रवचन भी हुए। उन्होंने कहा कि “भगवान महावीर का जीवन त्याग, तप और आत्मसंयम का अद्भुत उदाहरण है। उन्होंने मानवता को यह अमर संदेश दिया — ‘अहिंसा ही परम धर्म है, और आत्मविजय ही सच्ची विजय है।’”
मुनि श्री ने आगे कहा कि भगवान महावीर का जन्म कुंडलपुर (बिहार) में 599 ईसा पूर्व में हुआ था। युवावस्था में राजसुख त्याग कर उन्होंने बारह वर्ष तक कठोर तपस्या की और अंततः केवलज्ञान (सर्वज्ञता) की सिद्धि प्राप्त की। उन्होंने संसार को पंच महाव्रत — अहिंसा, सत्य, अचौर्य, ब्रह्मचर्य और अपरिग्रह — का उपदेश दिया, जो आज भी मानवता को नैतिकता और शांति का मार्ग दिखाते हैं। भगवान महावीर का निर्वाण पावापुरी (बिहार) में कार्तिक अमावस्या की रात्रि को हुआ था। उस समय देवगणों ने असंख्य दीप प्रज्वलित किए थे। इसी कारण यह दिन दीपावली के रूप में भी मनाया जाता है। समाज इस दिन को निर्वाण महोत्सव के रूप में मनाकर प्रभु की शिक्षाओं को आत्मसात करता है।
कार्यक्रम के अंत में सामूहिक आरती और दीप प्रज्वलन के साथ श्रद्धालुओं ने यह संकल्प लिया कि वे अपने जीवन में अहिंसा, संयम और करुणा के मार्ग का पालन करेंगे। श्री चंद्रप्रभ दिगंबर जैन श्रावक संघ, श्री विद्या सिंधु महिला मंडल श्री विमल सन्मति युवा मंच एवं सकल दिगंबर जैन समाज के पदाधिकारी एवं सदस्य बड़ी संख्या में कथा का श्रवण कर रहे हैं उक्त जानकारी चंद्रप्रभ दिगंबर जैन श्रावक संघ संयोजक मांगीलाल जैन ने दी।