शहरी जमीनों का रिकार्ड अब डिजीटल होगा

उज्जैन जिले का कस्बा उन्हेल पायलेट प्रोजेक्ट में शामिल रिकार्ड में पारदर्शिता आएगी, धोखाधड़ी के मामलों में भी कमी आएंगी

उज्जैन, 09 अक्टूबर। मध्यप्रदेश में शहरी भूमि रिकार्ड में बड़ा बदलाव लाने के लिए केंद्रीय भूमि संसाधन विभाग द्वारा शहरी जमीनों का रिकार्ड डिजीटल कर उसे आसान बनाया जा रहा हैं। इससे जमीन के मामलों में एक और पारदर्शिता आएगी वहीं धोखाधड़ी के मामलों में भी कमी होगी। पायलेट प्रोजेक्ट की शुरुआत उज्जैन जिले के उन्हेल कस्बे से की गई है। प्रदेश के 10 शहर भी इस योजना से लाभांवित होने जा रहे है।बता दे कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव एवं केंद्रीय कृषि मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा 18 फरवरी 2025 को इस पायलेट प्रोजेक्ट की शुरुआत मध्यप्रदेश के रायसेन जिले से की गई थी। रिकार्ड बदलाव के प्रारंभिक तौर पर प्रदेश के 09 जिलों के 10 शहर शाहगंज, छनेरा, आलीराजपुर, देपालपुर, धारकोठी, मेघनगर, माखननगर (बाबई), विदिशा, सांची और उज्जैन जिले में उन्हेल कस्बे को पायलेट प्रोजेक्ट में शामिल किया गया है।आयुक्त भू-अभिलेख द्वारा जारी अधिसूचना प्रकाशित होने के बाद उज्जैन कलेक्टर श्री रौशन कुमार सिंह द्वारा सर्वेक्षण से संबंधित संक्रियाओं के आरंभ होने की घोषणा कर दी गई है। इस पायलेट प्रोजेक्ट (नक्शा) के अंतर्गत उन्हेल कस्बा में रिकार्ड बदलाव का कार्य सुचारु रूप से जारी है। भू-सर्वेक्षण के दौरान नवीन अधिकार अभिलेख तैयार किए जाऐंगे। इससे समस्त खातेंदारों के नाम, उनके अंश, दायित्व तथा सुखाचार अधिकार अभिलिखित किए जाएंगे। साथ ही ग्रामों के लिए निस्तार पत्रक तथा वाजिब उल अर्ज भी तैयार किए जाएंगे।