हवाई उड़ानो का त्रास

अभिषेक बड़जात्या

दिल्ली और बम्बई में आये दिन हवाई उड़ानो का रद्द होना, समय परिवर्तन होना अब आम बात हो चुकी है. आये दिन ऐसी घटना अब रोज़मर्रा है जिससे अब यात्री परिपूर्ण हो चुके हैं। पर समस्या का सामना तब विकट हो जाता है जब आपका आगे अन्य उड़ानो से जुड़ाव हो।
पिछले दो दिनों में ऐसा वाक्या दिल्ली हवाई अड्डे पे देखने को मिला… इंदौर से गए करीब 80 से ज़्यादा यात्रीयों को इस समस्या का सामना करना पड़ा, देर रात 12 बजे की उड़ान की जानकारी सुबह 8 बजे तक किसी को न दी उसके बाद रद्द होने की सूचना सुबह 8 बजे दी गयी कि उड़ान अब रात 9 बजे उड़ेगी जो की रात में भी रद्द कर दी गयी ।
दिन भर भी किसी लॉज में ठहरा के यात्रियों को त्रास दिया गया उसकी कुछ सुनवाई नहीं, जब एयरपोर्ट पहुचे तब पता चला उड़ान फिर रद्द हुई । दिनांक 25मई को भी इंदौर दिल्ली की करीब 10बजे की उड़ान आख़री समय में रद्द की गयी, जैसा की विदित हो अधिकतर सभी अंतराष्ट्रीय उड़ाने रात में ही निर्धारित रहती है आप इससे अंदाजा लगा सकते हे यात्रितो को किन तरह की परेशानियां झेल नी पड़ती होगी ख़ासकर जब परिवार साथ हो । विमानन मंत्रालय इससे अंजान है और प्रशासन को कुछ फर्क नहीं पड़ता.. बाकी हवाई अड्डों का निजीकरण ज़िंदाबाद है।

इसका एक दृश्य आप खुद देखें…