प्रशिक्षण में जो सीखा है उसका जीवन में उपयोग करें व बदलाव लाए – प्रो. कटारिया (प्राचार्य)

रतलाम । क्रेडाई ( नागरिक अधिकार एवं संवैधानिक जागृति संस्थान) रतलाम द्वारा शहर के शासकीय कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय रतलाम के राजनिति शास्त्र कि छात्राओं के ३ दिवसीय प्रशिक्षण शिविर के समापन पर मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए कही आपने संस्था के प्रयासों कि सराहना कि और छात्राओं कि मांग पर ऐसे और प्रशिक्षण सत्र रखने का विश्वास दिलाया, विशेष अतिथि विभाग अघयक्ष प्रो मंगलेश्वरी जोशी रही ने प्रशिक्षित छात्रों को भविष्य के लिए शुभकामनाए दी और निरंतर ऐसे प्रशिक्षण में युवाओं को जुड़ने को कहा राजनीति शास्त्र के युवाओं को रिसर्च मेथेडालाजी विषय के बारे में जानकारी दी गई और युवा समाज में कैसे बदलाव ला सकते हैं व्यावहारिक रूप से इसका प्रयोग कैसे हो इस क्रम में विषय पर प्रशिक्षण दिया गया ।
महाविद्यालय के छात्रों के लिए प्रशिक्षण शिविर के समापन पर मुख्य अतिथि कालेज प्रिंसिपल प्रो. कटारिया जी रहे । विशेष अतिथि प्रो . मंगलेश्वरी प्रो निशा बैरागी ,प्रो सौरभ गुर्जर जी रहे । संस्था के सचिव रवि पिरोदिया जी ने बताया की छात्र रिसर्च के लिए कार्य केसे करे बताया गया और वास्तविक स्थिति से रूबरू होने का अवसर उनको उस विषय में प्रतिदिन प्रशिक्षण सत्रो में विभिन्न गतिविधियों करने से मिला कार्यक्रम संयोजक हर्षिता राठौड़ ने बताया छात्रों को प्रशिक्षण निशुल्क दिया जा रहा है छात्रों को उनके विषय के आधार पर प्रशिक्षण में जानकारी दी गई और भविष्य में स्वयं को कैसे तैयार करना है उसकी भी जानकारी दी गई । संस्था के अध्यक्ष संदीप व्यास ने बताया की क्रेडाई संस्था द्वारा शहर के युवाओं के लिए ऐसे प्रशिक्षण सत्र निरंतर कीए जा रहे हैं जिससे वे केसे समस्या को नये दृष्टि कोण से देखते हुए छात्र उसके लिए समाधान भी देखे जिससे की सुधार हो सके और उनके भविष्य में जो करना चाहते हैं वो लक्ष्य हासिल करने के लिए भी प्रशिक्षण दिया जा रहा है । प्रशिक्षण के प्रमुख बिंदु रहे –
(1) रिसर्च के विषय का चयन ।
(2) रिसर्च के लिए विषय कि पूरी जानकारी व आंकड़े ।
(3) रिसर्च के संबंघित प्रश्न का निर्धारण ।
(4) रिसर्च करने के पूर्व उक्त विषय के संदर्भ अपने पूर्वाग्रहों से मुक्त होना ।
(5) रिसर्च का उद्देश्य किसी भी विषय को और बेहतर करने के लिए करना ।
(6) रिसर्च में आंकड़ों का संकलन उनका मूल्यांकन एवं उसके आघार पर चार्ट का निर्माण ताकि अपनी बात को हम कैसे बेहतर और उचित तरीके से रखे जिससे वो समझ में आए और उसका हल हो सके ।
(7) रिसर्च को परिणाम में बदलने के लिए उसे योग्य स्थान तक भेजा जाए जिससे बदलाव हो सके।
प्रशिक्षण के अंत में विद्यार्थियों को प्रमाण पत्र वितरित कीए गए। कार्यक्रम में संस्था के मंगल अग्रवाल, कमलेश मेहता, सुधांशु श्रीवास्तव, राजेश पगारिया आदि कि उपस्थिति रही।