रतलाम । धर्मस्व नगरी में नेत्रदान के साथ देहदान के प्रति जागरूकता बढ़ती जा रही है रेलवे से सेवानिवृत्त प्रतिष्ठित सुश्रवाक राजेन्द्र कुमार पावेचा का रविवार रात्रि में देवलोकगमन होने पर उनके पुत्र- पुत्री सुशील,रोटे.यशवंत, मनोज पावेचा ,रेखा लालन, माधुरी चोपड़ा अपने पिताजी की इच्छानुसार समाजहित में नेत्रदान (कार्निया) दान करने एवम चिकित्सा शिक्षा में अध्ययन रत विद्यार्थियों के शिक्षा एवं अनुसंधान के लिये देहदान की सहमति प्रदान की नेत्रम संस्था द्वारा गीता भवन न्यास बड़नगर के ट्रस्टी एवम नेत्रदान प्रभारी डॉ जी एल ददरवाल को सूचित किया सूचना प्राप्त होते ही वे अपनी टीम के कु.चंचल पाटीदार,परमानंद राठौड़ एवम मनीष तलाच के साथ रात्रि में 10 बजे बडनगर से रतलाम पहुचे और नेत्रदान की प्रक्रिया पूर्ण कर सफलतापूर्वक नेत्रदान किया ।
नेत्रदान के समय हेमन्त मूणत, नवनीत मेहता, ओमप्रकाश अग्रवाल, गिरधारी लाल वर्धानी ,मीनु माथुर,चंद्रशेखर पावेचा, मिथिलेश पावेचा, पारस मूणत, राजेश बरमेचा मौजूद थे सोमवार सुबह उनके निवास नजरबाग कालोनी से अंतिम यात्रा निकल कर डॉ लक्ष्मीनारायण पांडे मेडिकल कालेज पहुची वहा देहदान की प्रक्रिया सम्पूर्ण कर उनके पार्थिव शरीर को मेडिकल कालेज की प्रशासनिक टीम के सुपुर्द किया देह दान के बारे में जानकारी डीन श्रीमती अनिता मुथा, शरीर संरचना विभाग प्रभारी डॉ जितेंद्र गुप्ता, गोविन्द काकानी, रोटे.यशवंत पावेचा ,प्रो. मनोहर जैन ने अपने उद्बोधन में उपस्थित विद्यार्थियों प्रेरणादायक मार्गदर्शन दिया इस अवसर एसो प्रो .डॉ राजेन्द्र सिंगरोले,सहा. प्रो .विजय सिंह चौहान, डॉ अनील पोल डेमोस्टेटर डॉ पुनीत शर्मा डेमोस्टेटर डॉ प्रवीण भारती PG पुनीत शर्मा सहा. टेक्नीशियन छोगालल प्रजापति, सुरेन्द्र मईड़ा, सुनील महावर, राजकुमार का सराहनीय सहयोग रहा ।
देहदान प्रक्रिया के दौरान गोविन्द काकानी,प्रो मनोहर जैन, गोपाल पतरा वाला, कमलेश बुपकिया,पारस मूणत,रोटे, राजेश जैन,अशोक डांगी मौजूद रहे अंतिम यात्रा में सम्मिलित परिजनों, कॉलेज के स्टाफ ,विद्यार्थियों, मित्रगण ने 2 मिनट का मौन रख कर श्रद्धांजलि अर्पित की।