दलालबाग में गूंजे वैदिक मंत्र, तीन दिवसीय महोत्सव हुआ शुरू

दलालबाग में गूंजे वैदिक मंत्र, तीन दिवसीय महोत्सव हुआ शुरू

कलश यात्रा के साथ हुई प्राण-प्रतिष्ठा महोत्सव की शुरूआत, सैकड़ों गणमान्य नागरिक पहुंचे

जलाधिवास व अन्नाधिवास की विधियां हुई संपन्न, आज पुष्पाधिवास व शय्याधिवास की विधियां होगी

इन्दौर । वीआईपी रोड़ दलालबाग में नवनिर्मित शिव मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव की शुरूआत शुक्रवार को कलश यात्रा के साथ हुई। कलश यात्रा में बड़ी संख्या में मातृशक्तियों ने भागीदारी की। वहीं सुबह 8 बजे से ही दलालबाग में भक्तों व श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला शुरू हो चुका था। 100 वर्ष पुराने शिव मंदिर के जीर्णोद्धार के बाद यह पहला मौका था जहां इतनी बड़ी संख्या में भक्त महोत्सव में पहुंचे थे।

श्री बालाजी गणेश बड़ा सराफा कॉटन एसोसिएशन संरक्षक लक्ष्मण माहेश्वरी (गुरू), ललित भंडारी एवं संयोजक महेश दम्मानी ने बताया कि शुक्रवार को दलालबाग में सांकेतिक शोभायात्रा व कलश यात्रा निकाली गई। कलश यात्रा के पश्चात श्री श्रीविधा धाम महामंडलेश्वर स्वामीश्री चिन्मयानंदजी सरस्वती एवं वीर बगीची गादीपति ब्रह्मचारी पवनानंद महाराज के सान्निध्य में विद्वान पंडि़तों ने सभी विधियां संपन्न कराई। शुरूआत में पंडि़त श्यामजी शर्मा एवं उनके सहयोगी विद्वानों ने मंडप पूजन की विधियां संपन्न की। इसके पश्चात शिव परिवार, राम दरबार व राधा-कृष्ण की मूर्तियों को वैदिक मंत्रोउच्चार के बीच जलाधिवास की क्रियाएं संपन्न कराई गई। वहीं शाम को 5 बजे अन्नाधिवास की विधि संपन्न हुई। तीन दिवसीय महोत्सव के मुख्य यजमान श्रीमति सीता देवी स्व. शिव भगवान परवाल परिवार हैं। महोत्सव में सभी विधियां रमेश कुमार परवार द्वारा संपन्न की जा रही है। शुक्रवार को कलश यात्रा व शोभायात्रा में जयनारायण दम्मानी, रामनिवास भराणी, माहेश्वरी समाज जिला इन्दौर अध्यक्ष रामस्वरूप धूत, राजेश जोशी, गिरीश लाहौटी, सीमा परवाल, चंद्रकांता माहेश्वरी, प्रीति धूत सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु व भक्त मौजूद थे।

एसोसिएशन अध्यक्ष जयनारायण दम्मानी एवं रामनिवास भराणी ने बताया कि वीआईपी रोड़ दलालबाग स्थित शिव मंदिर का तीन दिवसीय प्राण-प्रतिष्ठा महोत्सव 17 नवंबर तक जारी रहेगा। महोत्सव की संपूर्ण विधियां विद्वान पंडि़तों के निर्देशन में यजमान परिवारों द्वारा संपन्न की जाएगी। शनिवार 16 नवंबर को प्रात: 8 बजे मण्डल पूजन, पुष्पाधिवास, हवन एवं गृहशांति का क्रम चलेगा। वहीं सांय 5 बजे शयनाधिवास की विधि विद्वान पंडि़तों के निर्देशन में होगी। रविवार 17 नवंबर को प्रात: 8 बजे साधु-संतों के सान्निध्य एवं विद्वान पंडि़तों के निर्देशन में उपस्थित गणमान्य नागरिकों की मौजूदगी में प्राण-प्रतिष्ठा महोत्सव का मुख्य उत्सव मनेगा। जिसमें सुबह स्थापना विधि, न्यास अभिषेक किया जाएगा। दोपहर 12 बजे अभिजीत मुहुर्त में नवनिर्मित मंदिर में शिव परिवार, राम दरबार एवं राधा-कृष्ण की मूर्तियों की स्थापना की जाएगी। स्थापना के पश्चात हवन कुंड में भक्त आहुतियां समर्पित करेंगे। महाआरती के पश्चात सभी भक्तों के लिए महाप्रसादी का आयोजन होगा। महाप्रसादी में लगभग दो हजार भक्तों के आने की संभावना है।