स्टेट प्रेस क्लब, म.प्र. के ‘संवाद’ कार्यक्रम में कलेक्टर की खास घोषणा
आवास सुविधा के लिए उज्जैन में 2400 कमरों के भक्त निवास का निर्माण शुरू
दानदाताओं के सहयोग से बनेगा विशाल परिसर, अगले माह लांच होगी वेबसाईट
उज्जैन। धार्मिक पर्यटन की दृष्टि से उज्जैन आने वाले महाकाल के भक्तों की आवास समस्या पर पहली मर्तबा ध्यान दिया जा रहा है। उज्जैन में बगैर शासन के सहयोग और दानदाताओं की मदद से 2400 कमरों वाले भक्त निवास का निर्माण आरम्भ हो गया है।
प्रशासनिक संकुल में आयोजित स्टेट प्रेस क्लब, म.प्र. के ‘संवाद’ कार्यक्रम में श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के अध्यक्ष एवं कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने पहली मर्तबा इस योजना का विस्तार से खुलासा किया। श्री सिंह ने बताया कि महाकाल लोक की स्थापना के बाद उज्जैन में रोजाना देश भर से हजारों की संख्या में श्रद्धालु आ रहे हैं। पिछले दो वर्षों से उज्जैन की होटल, लॉज और धर्मशालाएं इस संख्या के मान से कम पड़ रहे हैं। कुछ वर्षों बाद सिंहस्थ का आयोजन भी है। तमाम हालातों के मद्देनज़र श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति ने जनसहयोग और दान के माध्यम से 2400 कमरों का भक्त निवास बनाने का कार्य आरम्भ कर दिया है। अगले माह एक वेबसाइट लॉन्च की जाएगी, जिसके माध्यम से देश-विदेश के दानदाताओं से सहयोग की अपील की जाएगी।
उन्होंने बताया कि हरि फाटक मार्ग पर जहां पर यूनिटी मॉल बन रहा है उसके सामने 2400 कमरों की धर्मशाला का निर्माण प्रारंभ हो चुका है। उज्जैन विकास प्राधिकरण यहां पर प्राथमिक कार्य कर रहा है जिसमें समतलीकरण से लेकर स्ट्रक्चर बनाने का कार्य तेजी से जारी है। जब यह स्ट्रक्चर तैयार हो जाएगा तो भक्त निवास के वृहद निर्माण के लिए टेंडर जारी किए जाएंगे।
कलेक्टर श्री सिंह ने बताया कि सिंहस्थ 2028 में 15 करोड़ श्रद्धालुओं के आगमन के मद्देनजर उज्जैन में विकास कार्यों की रूपरेखा बनाई गई है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सिंहस्थ कार्यों की शुरुआत कर दी है जिसमें मेडिकल कॉलेज, हवाई अड्डा, मेट्रो ट्रेन, रोप- वे, कई फ्लाय ओवर ब्रिज, फोर लेन, सिक्स लेन, मल्टीलेवल पार्किंग स्थल, अन्न क्षेत्र, लाईट एंड साउंड शो, रूद्र सागर ब्रिज आदि का निर्माण किया जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि सभी कार्यों को निर्धारित समय से एक वर्ष पूर्व पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है। शिप्रा नदी एवं कान्ह नदी की सफाई, घाटों के जीर्णोद्धार, पेयजल परियोजना एवं विद्युत् परियोजनाओं पर भी सजगता से ध्यान दिया जा रहा है।
प्रारम्भ में स्टेट प्रेस क्लब म.प्र. के अध्यक्ष प्रवीण खारीवाल ने कलेक्टर श्री सिंह को मीडियाकर्मियों की उज्जैन यात्रा की जानकारी दी। इस अवसर पर सीईओ जिला पंचायत जयति सिंह, सहायक प्रशासक मूलचंद जूनवाल एवं सहायक संचालक जनसंपर्क रोमिल उइके भी विशेष रूप से मौजूद थे। सभी का स्वागत घनश्याम पटेल, यशवर्धन सिंह, राजेंद्र कोपरगांवकर, बृजेश परमार, प्रकाश त्रिवेदी, प्रमोद व्यास, मीना राणा शाह, पुष्पा यादव, पुष्कर सोनी, गोविन्द लाहोटी ‘कुमार’ ने किया। अंत में प्रवीण धनोतिया ने आभार व्यक्त किया।
महाकालेश्वर के दर्शन
स्टेट प्रेस क्लब, म.प्र. के नेतृत्व में मीडियाकर्मियों के 50 सदस्यीय दल ने श्री महाकालेश्वर मंदिर में पूजा-अर्चन एवं नंदी गृह से महाकाल बाबा के दर्शन किए। इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक उज्जैन प्रदीप शर्मा एवं सहायक प्रशासक मूलचंद जूनवाल ने सभी मीडियाकर्मियों का सम्मान किया एवं प्रसादी भेंट की। मीडियाकर्मियों ने अन्न क्षेत्र में प्रसाद ग्रहण किया। यात्रा का शुभारम्भ गांधी हॉल परिसर से भाजपा के जिलाध्यक्ष चिंटू वर्मा ने झंडी दिखा कर किया। श्री वर्मा ने कहा कि प्रसन्नता का विषय है कि स्टेट प्रेस क्लब, म.प्र. लगातार यात्राओं के माध्यम से पत्रकारिता के उन्नयन का कार्य करता आ रहा है। उन्होंने सभी मीडियाकर्मियों को शुभकामनाएं दीं। श्री वर्मा का स्वागत प्रवीण खारीवाल, आकास चौकसे, पुष्कर सोनी, सुदेश गुप्ता ने किया।
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अब दूर के दर्शन ही सुहा रहे हैं महाकाल के दरबार में
श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या के मद्देनज़र आमजन का गर्भ गृह में प्रवेश संभव नहीं
उज्जैन। बारह ज्योतिर्लिंगों में अव्वल महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग की गर्भगृह से पूजा-अर्चना और जल चढ़ाने की कामना रखने वाले श्रद्धालुओं को निराशा हाथ लगने वाली है। महाकाललोक बनने के बाद श्रद्धालुओं की संख्या में बेतहाशा वृद्धि के चलते महाकालेश्वर मंदिर प्रशासन ने आम जनता के लिए गर्भगृह प्रवेश के इरादे को त्याग दिया है।
उज्जैन में जबसे महाकाललोक की स्थापना हुई है तभी से वहां श्रद्धालुओं की भीड़ ने नित नए कीर्तिमान बनाना शुरू कर दिए हैं। मंगलवार से शुक्रवार तक तकरीबन एक लाख से अधिक और शेष शनिवार, रविवार और सोमवार को दो-ढाई लाख से ज्यादा भक्त उज्जैन पहुँच रहे हैं। वार-त्यौहार और राष्ट्रीय अवकाश की बात तो अलहदा ही है।
आधिकारिक जानकारी के अनुसार उज्जैन में डेढ़ वर्ष से महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग पर जल चढ़ाने की व्यवस्था पर रोक लगाई हुई है। कुछ समय तक यह व्यवस्था चली अलबत्ता मंदिर प्रशासन ने जल चढ़ाने के लिए 750 रुपए का शुल्क भी निर्धारित किया था लेकिन प्रबंधन के लिहाज से जल्द ही इस विशेष व्यवस्था पर रोक लगानी पड़ी। अब अतिविशिष्टजनों के अलावा किसी को भी गर्भगृह में प्रवेश की अनुमति नहीं है। सूचीबद्ध पुजारियों को भी क्रमानुसार श्रृंगार-पूजा, भस्मारती की अनुमति मिलती है।
स्टेट प्रेस क्लब, म.प्र. के ‘संवाद’ कार्यक्रम में अध्यक्ष प्रवीण खारीवाल ने गर्भगृह में प्रवेश की संभावनाओं पर कलेक्टर एवं अध्यक्ष श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति से सीधी बात की। कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट कि गाइडलाइन और पुरातत्व विभाग की सिफारिशों के मद्देनज़र श्री महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग में और मंदिर परिसर पर कुछ पाबंदियां लागू की गई हैं। उन्होंने बताया कि पुजारियों द्वारा ज्योतिर्लिंग पर चढ़ाने वाली सामग्री और पानी भी क्वालिटी जांच के बाद उपयोग हो रहा है ताकि ज्योतिर्लिंग का क्षरण रुक सके।
अध्यक्ष श्री सिंह ने बताया कि सशुल्क जल चढ़ाने वाली सुविधा पर रोक लगाने की बड़ी वजह गर्भगृह में प्रवेश के दौरान द्वार से भीतर-बाहर जाने वाले श्रद्धालुओं की संख्या है। अनुमानित सात-साढ़े सात हजार श्रद्धालुओं के आवागमन की वजह से हजारों श्रद्धालुओं को रेलिंग और नंदी सभागृह से दर्शन में दिक्कत आ रही थी। इस मुद्दे पर जनप्रतिनिधियों और मंदिर समिति में कई मर्तबा चर्चा हुई लेकिन इस अड़चन के बाद सभी इस बात पर सहमत नज़र आए कि इस से ही दर्शन व्यवस्था में हजारों दर्शक लाभान्वित रहेंगे। डेढ़-दो लाख श्रद्धालुओं को महाकाल बाबा के दर्शन अनवरत बगैर अड़चन के हो सके इसलिए अब गर्भगृह प्रवेश की अनुमति पर विचार नहीं हो रहा है। कलेक्टर श्री सिंह ने बताया राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राज्यपाल, मुख्यमंत्री जैसे अतिविशिष्टजनों एवं बड़े संतों को गर्भगृह में प्रवेश की अनुमति दी जाती है। अपवाद स्वरुप कुछ वीआईपी एकाएक गर्भगृह में चले जाते हैं तो प्रोटोकाल कर्मचारियों पर कार्यवाही भी होती है।