यज्ञ संसार का श्रेष्ठतम कर्म है


रतलाम । मां गायत्री के मंत्र सद्बुद्धि दाता गायत्री मंत्र की सिद्ध साधना कर किसी वर्ग विशेष और जाति विशेष को ध्यान में ना रख कर अपितु संपूर्ण मानव जाति और पृथ्वी के उद्धार के लिए समर्पित अखिल विश्व गायत्री परिवार के संस्थापक संरक्षक पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य जी एवं माता भगवती देवी शर्मा जी का संपूर्ण जीवन ही यज्ञमयी रहा है।।
यज्ञ उसे कहते है जो इस संसार में अच्छे कार्य हो रहे हैं सभी के हित में होने वाले हर कार्य को यज्ञ कहा जाता है ।।
अखिल विश्व गायत्री परिवार का उद्देश्य मानव मात्र में देवत्व का उदय और धरती पर स्वर्ग के अवतरण का है।
इस हेतु अखिल विश्व गायत्री परिवार यज्ञ के द्वारा धर्म तंत्र से लोक शिक्षण के कार्य करता रहा है।।
यज्ञ में एक बुराई त्याग कर एक अच्छाई ग्रहण करने का उदघोष और ध्येय गायत्री परिवार का ही दिया हुआ है।।
इसी अभियान के अंतर्गत शांतिकुंज हरिद्वार के मार्गदर्शन रतलाम गायत्री परिवार नगर ट्रस्ट के द्वारा 24 कुंडीय गायत्री महायज्ञ प्रज्ञा पुराण कथा एवं तुलसी विवाह का आयोजन 12 जनवरी से 15 जनवरी 2023 तक रखा गया है उपरोक्त कार्यक्रम की पूर्ण जानकारी देने हेतु आज एक प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया जिसमें अखिल विश्व गायत्री परिवार नगर ट्रस्ट के मुख्य ट्रस्टी श्री पातीराम जी शर्मा, ट्रस्टी एवम मध्य प्रदेश युवा प्रकोष्ठ के समन्वयक विवेक चौधरी व प्रभु प्रकाश राठौड़ उपस्थित थे।।
कार्यक्रम की रूपरेखा बताते हुए विवेक चौधरी ने बताया कि अखिल विश्व गायत्री परिवार का मुख्य उदघोष हम बदलेंगे युग बदलेगा, हम सुधरेंगे युग सुधरेगा है।।
और इस लिये इस तरह के आयोजनों से हम जन जन के मानस को और उनके स्वभाव को विचार परिवर्तन के द्वारा सुधारकर समाज को स्थायी रूप से सुखी व विकसित रख सकते है। विवेक चौधरी जी ने अखिल विश्व गायत्री परिवार के संस्थापक पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य जी के बारे में पत्रकार वार्ता में बताया कि आचार्य श्री ने केवल एक धार्मिक संगठन ही नहीं बनाया बल्कि समाज को राष्ट्र को विश्व को और हर वर्ग के मानव को धरती के हर जीव को ध्यान में रखकर युग निर्माण योजना बनाई विचार क्रांति अभियान का सूत्रपात किया , परम पूज्य गुरुदेव का विचार था कि “अपना सुधार संसार की सबसे बड़ी सेवा है।।”
अखिल विश्व गायत्री परिवार संपूर्ण विश्व के धार्मिक आध्यात्मिक सामाजिक आर्थिक और मानसिक विकास को लेकर कार्य करने वाली संस्था है । समाज में अखिल विश्व गायत्री परिवार के द्वारा युवा जागरण ,नारी जागरण, धार्मिक कुरीति उन्मूलन ,,बाल शिक्षा ,नारी शिक्षा ,पर्यावरण सरंक्षण, कुरीति उन्मूलन एवं नशा मुक्ति जैसे कार्य कर समाज को सही दिशा देकर कार्य करने वाला परिवार है।
अखिल विश्व गायत्री परिवार आपदा प्रबंधन में अपनी मुख्य भूमिका निभाकर प्राकृतिक आपदा के क्षेत्रों में विशेष रूप से कार्य करने वाली संस्था है
अखिल विश्व गायत्री परिवार डेढ़ सौ से ज्यादा देशों में सक्रिय कार्यकर्ताओं के साथ परिजनों के साथ कार्य करने वाली संस्था है अखिल विश्व गायत्री परिवार के 6 प्रमुख संस्थान शांतिकुंज हरिद्वार जहां से ऋषि परंपरा का पुनर्जीवन कर संपूर्ण समाज और मानव जाति के विकास के लिए कार्य किया जाता है दूसरा देव संस्कृति विश्वविद्यालय हरिद्वार विद्यालय है जो आधुनिक शिक्षा को गुरुकुल शिक्षा के साथ जोड़कर संस्कारित युवाओं को गढ़ने का कार्य कर रहा है ।
वैज्ञानिक अध्यात्म और मंत्र एवं यज्ञ के विभिन्न शोधों को करने के लिए ब्रह्मवर्चस शोध संस्थान की स्थापना की गई ।।
परम पूज्य गुरुदेव की जन्मभूमि आंवलखेड़ा आगरा में एक महत्वपूर्ण स्मारक बनाया गया है। अखंड ज्योति संस्थान मथुरा यहां से संपूर्ण विश्व को मार्गदर्शन देने के लिए परम पूज्य गुरुदेव के समय से एक पत्रिका सतत हर माह जन जन के वैचारिक और बौद्धिक ज्ञान को बढ़ाने के लिए समर्पित पत्रिका है , गायत्री तपोभूमि मथुरा सहित 6 प्रमुख संस्थान है जिनके अंतर्गत अखिल विश्व गायत्री परिवार के चार हजार से ज्यादा शक्तिपीठ एवं एक हजार से ज्यादा प्रज्ञा पीठ सक्रिय रूप से लोक निर्माण और सामाजिक उत्थान के लिए सक्रिय रूप से कार्यरत है।।
वेदमूर्ति तपोनिष्ठ युगऋषि
पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य जी का जीवन संक्षिप्त वर्णन में बताते हुए विवेक जी ने बताया कि वे आत्म सुधारक विचार क्रांति अभियान के पुरोधा युग निर्माण योजना के सूत्रधार व मानव में देवत्व के उदय और धरती पर स्वर्ग के “की योजना को चलाकर संपूर्ण मानव जाति के उत्थान को समर्पित रहने वाले ऋषि रहे हैं,
आचार्य श्री ने हर एक विषय पर अध्ययन और शोध कर 3000 से अधिक पुस्तकें लिखी एवं चार वेद 18 पुराण 108 उपनिषद योग वशिष्ठ 20 स्मृतियां के दर्शन व 24 किताबों सहित अनेक आर्ष ग्रंथों के जन सुलभ अनुवाद संपन्न किए।।
21वी सदी उज्जवल भविष्य और 21वीं सदी नारी सदी के उद्घोषक जन-जन की पीड़ा हरने को समर्पित अखिल विश्व गायत्री परिवार एक मात्र संस्था है जो विभिन्न क्षेत्रों में अपनी अग्रणी भूमिका निभा कर समाज को नई दिशा धारा दे रही है और इसी दिशा धारा के अंतर्गत रतलाम नगर में होने जा रहे 24 कुंडीय गायत्री महायज्ञ अंतर्गत परिवार निर्माण हेतु प्रज्ञा पुराण कथा और नारियों के सशक्तिकरण हेतु नारी सम्मेलन वह नारी प्रतिभा सम्मान का आयोजन किया जाएगा युवाओं को दिशा धारा देने हेतु एक विशिष्ट युवा सम्मेलन और युवा प्रतिभा सम्मान का कार्यक्रम किया जाएगा सभी धर्मों में एकरस्ता एकरूपता और समानता को देखकर सभी धर्मों से अच्छी शिक्षा लेकर समाज को देने हेतु सर्व धर्म सम्मेलन 14 तारीख को शाम को संपन्न किया जाएगा दीप यज्ञ के माध्यम से सभी में अच्छाइयों को ग्रहण करने का संकल्प दिलाया जाएगा एवं 15 तारीख को यज्ञ की पूर्णाहुति के साथ समाज के वरिष्ठ अनुभवी और सामाजिक निर्माण में नींव के पत्थर के रूप में लगने वाले अग्रजों का सम्मान अग्रज सम्मान समारोह के रूप में किया जाएगा तत्पश्चात कार्यक्रम से हरिद्वार की टोली की विदाई देवताओं की विदाई कर विश्व कल्याण और मानव मात्र के कल्याण की प्रार्थना का यह कार्यक्रम संपन्न किया जाएगा।।